जानें, डॉक्‍टरों को ‘सफेद कोट में हत्‍यारे’ बताने पर क्‍या कहा अदालत ने

जानें, डॉक्‍टरों को ‘सफेद कोट में हत्‍यारे’ बताने पर क्‍या कहा अदालत ने

सेहतराग टीम

पिछले दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो, जिसमें एक डॉक्‍टर अपने ही पेशे के कुछ दूसरे डॉक्‍टरों को सफेद कोट में हत्‍यारों की संज्ञा देते पाए गए थे, के मामले में दिल्‍ली की एक अदालत ने संबंधित डॉक्‍टर के खिलाफ कार्रवाई करने से इनकार कर दिया है। अदालत ने उस डॉक्टर के खिलाफ दायर की गई शिकायत को खारिज कर दिया जिसने एक वीडियो में कुछ चिकित्सा पेशेवरों को ‘सफेद कोट में हत्यारे’ बताया था। अदालत ने कहा कि वीडियो में ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे चिकित्सा पेशेवरों की गरिमा को ठेस पहुंचे।

दरअसल यह वीडियो पिछले साल दिसंबर में यू- ट्यूब पर पोस्ट किया गया था जिसमें डॉक्‍टर विवेक बिंद्रा को चिकित्सा पेशे में मौजूद पैसे बनाने की कथित प्रवृत्ति के बारे में बात करते सुना गया था। यह वीडियो कुछ ही समय में वायरल हो गया था और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन समेत कुछ चिकित्सा संगठनों ने बिंद्रा पर डॉक्टरों की छवि खराब करने का आरोप लगाया था।

बिंद्रा के खिलाफ शिकायत को रद्द करने वाले मेट्रोपोलिटिन मजिस्ट्रेट अनुभव जैन ने कहा कि उन्होंने यह वीडियो कई बार देखा है और उन्हें इसमें डॉक्टरों के खिलाफ कुछ भी मानहानिकारक नहीं लगा।

याचिका को खारिज करते हुए मजिस्ट्रेट ने कहा, ‘जिस संदर्भ में यह वीडियो जारी किया गया वह एक व्यापारी का प्रयास लगता है जो खुद भी एक चिकित्सक है और जो खुद को एक बिजनेस गुरू और लोगों को प्रेरित करने वाले वक्ता के तौर पर पेश कर अपने आप को और अपने कारोबार को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है।’

गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों में डॉक्‍टरों के पेशे के खिलाफ लोगों का गुस्‍सा लगातार भड़क रहा है और मरीजों के इलाज में जरा सी भी कोताही कई बार डॉक्‍टरों को मरीज के परिजनों के गुस्‍से का शिकार बना देती है। दिल्‍ली सरकार ने तो इस स्थिति से निबटने के लिए अपने अस्‍पतालों में बाउंसर तैनात कर दिए हैं जो डॉक्‍टरों को मरीजों के परिजनों के गुस्‍से से बचाते हैं।

वैसे डॉक्‍टरों के खिलाफ ज्‍यादा नाराजगी निजी अस्‍पतालों में देखने में आ रही है जहां चंद दिनों के इलाज के लिए लाखों रुपये का बिल मरीजों को पकड़ाया जा रहा है। खुद भारत सरकार की संस्‍थाएं कई अस्‍पतालों की जांच कर इस नतीजे पर पहुंची हैं कि ये अस्‍पताल मरीजों से सिरींज, ग्‍लब्‍स और इस तरह के कम कीमत वाले सामानों के मनमाने दाम वसूल कर बिल की राशि को कई गुणा बढ़ा देते हैं। 

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